खबर सक्ती ...
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिला शक्ति के एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन ..

सक्ती, छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा आधार पर 16 हज़ार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इन कर्मचारियों के माध्यम से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्र, वनांचल क्षेत्र में भी स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ प्रदेश की आम जनता को प्रदान की जाती हैं।
देश में 12 अप्रैल 2005 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का आरंभ किया गया था। उस समय इसे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के नाम से शुरू किया गया जो बाद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बन गया।
पिछले 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कई प्रकार के नए राष्ट्रीय कार्यक्रम जोड़े गए, नए स्वास्थ्य संस्थाओं का निर्माण हुआ, नए अस्पताल खुले जिनके लिए लगातार संविदा भर्ती की गई।
छत्तीसगढ़ प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी जो की आम जनता को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करते हैं, उनके काम करने की दशाएं बहुत जटिल हैं तथा विभिन्न प्रकार के संक्रमणों का भी खतरा बना रहता है।
संविदा में होने के कारण कर्मचारियों के वेतन , समकक्ष नियमित कर्मचारियों की तुलना में आधे से भी कम होते हैं इसके साथ ही साथ काम की अन्य कई सुविधाएं जैसे बीमा, पेंशन, मेडिकल अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति, ट्रांसफर की नीति आदि महत्वपूर्ण सुविधाओं से भी छत्तीसगढ़ प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी आज पर्यंत तक वंचित हैं।
ऐसी अन्यायपूर्ण और पीड़ित स्थिति में सुधार के लिए छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी संघ के माध्यम से विगत कई वर्षों से लगातार शासन- प्रशासन स्तर पर अपनी बात रख मांगों को पूरा करवाने का प्रयास किया जाता रहा है। और यह प्रयास वर्तमान सरकार के दौर में भी जारी है।
वर्तमान में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक वर्ष हुए हैं इस सरकार के कार्यकाल में पिछले एक वर्ष के दौरान एन एच एम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सांसदों तथा विधायकों को मिलकर अब तक 50 से अधिक बार ज्ञापन दिया जा चुका है।
भेंट के दौरान उक्त मंत्री, जनप्रतिनिधि लगातार यह बात संगठन के प्रतिनिधि मंडलों से कहते रहे हैं कि, हमारी सरकार आई है तो हम अवश्य आपका काम करेंगे परंतु यह अत्यंत दुख का विषय है कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के संबंध में किसी प्रकार का कोई सकारात्मक बदलाव वर्तमान की सरकार द्वारा नहीं किया गया है।
इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है 27% वेतन वृद्धि। वर्ष 2023 में प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने प्रांत व्यापी काम बंद आंदोलन किया जो 31 दिन तक चला इस आंदोलन के दौरान संविदा कर्मचारियों के लिए विधानसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा की और उसे जुलाई 2023 से देने की बात कही गई। कई विभागों जैसे मनरेगा, आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन आदि में तत्काल 27% वेतन वृद्धि दे दिया गया परंतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में इस संबंध में आज पर्यंत तक कोई प्रयास नहीं हुआ है। एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तब निर्मित हो जाती है जब 27% में वित्त विभाग ने 22% की कटौती करके 5% वेतन वृद्धि देने का निर्देश दिया, परन्तु उसे भी आज तक नहीं दिया गया। मतलब यह है कि प्रदेश के एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारियों को ना तो 27% वेतन वृद्धि का लाभ मिला और उसमें भी जो कटौती की गई कटौती के बाद जो बचा वह भी अभी तक प्राप्त नहीं हुआ। यह स्थिति तब है जब प्रदेश में सुशासन का वर्ष मनाया जा रहा है।
ऐसा नहीं है कि, इस संबंध में वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी को अवगत नहीं कराया गया है । संघ का प्रतिनिधि मंडल 8 से 10 बार वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी से मिल चुका है तथा इस संबंध में निवेदन कर चुका है। परंतु वित्त विभाग से इस बाबत कुछ भी ठोस पहल नहीं हो रही है। अल्प वेतन में गुजारा करने वाले संविदा कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर ऐसी दृष्टि रखना और उसे रोकना यह किसी भी चुनी हुई सरकार की गरिमा के खिलाफ है।
छत्तीसगढ़ के एन एच एम कर्मचारियों की हमेशा से मांग रही है कि, उनका संविलियन किया जाए। ऐसा भी नहीं है कि,भारत में कहीं भी नियमितीकरण नहीं किया गया है। देश मे मणिपुर, महाराष्ट्र, राजस्थान ऐसे ही राज्य हैं। कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ नियमितकरण जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं जैसे-समान काम समान वेतन, 62 वर्ष जॉब सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति,सी आर प्रथा में सुधार, मेडिकल अवकाश एन पी एस आदि। पर दुःखद स्थिति है कि 20 वर्षों के बाद भी छग में हालात जस के तस हैं। किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई।
उपरोक्त बहुत सारी सुविधाओं के अभाव में कोरोना काल में काल कलवित हुए बहुत सारे संविदा एनएचएम कर्मचारियों का परिवार आज बेहाल है तथा उनकी कोई पूछ परख करने वाला नहीं है।
बहुत से एन एच एम कर्मचारी जो जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं और जिन पर टीकाकरण , प्रसव, डाटा संबंधी कार्य करने वाले लोगों सहित चिकित्सा के विभिन्न विधाओं में वर्षों से कार्य कर रहे लोगों का वेतन श्रम विभाग से जारी कुशल श्रमिकों के निर्धारित मानदेय से भी कम है।
अल्प वेतन पाने वाले इन कर्मचारियों के बच्चे क्या बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य पाने के हकदार नहीं हैं ? क्या शासन की जवाबदारी नहीं हैं कि वर्षों से कार्यरत, अनुभवी लोगों के लिए तय समय सीमा में क्रमशः नियमितीकरण किया जाए, जिस ऊर्जा, उत्साह, विश्वास दिलाकर आंदोलन के दौरान मंचों में आकर वादा पूरा करने का दावा करने वाले लोग जो आज सरकार के जिम्मेदार पदों पर हैं वो खामोश हैं, जबकि दर- दर भटक कर हमारे साथी हर जिलों, ब्लॉकों में लगातार अनुनय, विनय कर रहे हैं कि कोई तो उनकी मदद करें।
आज सरकार के एक साल पूरा होने पर जश्न मनाया जा रहा है कोविड जैसे महामारी के समय जब सभी लोग अपने घरों में कैद थे तब सभी एन एच एम कर्मी बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार कार्य किए। सैकड़ों लोगो ने अपनी जान गंवाई। इसके एवज में केवल कोरोना योद्धा का तमगा मिला पर जीवन आज भी जस का तस है।
ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मठ 16 हज़ार कर्मचारियों का नियमितीकरण, वेतन विसंगति, ग्रेड पे, लंबित 27% वेतन वृद्धि, चिकित्सा बीमा, अनुकम्पा अनुदान में बढोतरी, अनुकम्पा नियुक्ति, आदि मांग तत्काल पूरी की जाए ।
हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा हम पूरी ताक़त से अपनी जायज मांग को सरकार के समय रखते रहेंगे।
आगामी 25 दिसंबर माननीय अटल बिहारी बाजपेयी जी छत्तीसगढ़ के जन्मदाता, सुशासन के पर्याय महापुरुष की जन्म जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में स्थापित अटल जी की प्रतिमा, चौक आदि स्थानों पर पुष्प चढ़ाकर अपना ज्ञापन प्रस्तुत कर निवेदन करेंगे कि हमारी मांगों को सुशासन सरकार तक पहुंचाने में मदद करे।
लगातार अपनी समस्याओं को शासन -प्रशासन के समक्ष रखने, प्रदेश के सभी बड़े सत्ता पक्ष के राजनेताओं से भेंट के पश्चात भी यदि हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है तो प्रदेश के 16 हज़ार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी और भी ज्यादा निराश और हताश होंगे। हम मजबूर हो जाएंगे और इसका आन्दोलन के रूप में चरण बद्ध तरीके से विरोध किया जाएगा। सुनवाई न होने पर बड़ा आन्दोलन भी विवश होकर किया जाएगा।
- खबर सक्ती ...2 years ago
बड़ी खबर: कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने किया अनिल चन्द्रा को जिलाबदर ..
- खबर सक्ती ...2 years ago
व्यापारी से 2250000 रूपये की लूट करने वाले 04 आरोपी गिरफ्तार 05 आरोपी फरार ..
- ख़बर रायपुर2 years ago
एनसीपी के प्रमुख पूर्व मंत्री नोबेल वर्मा कल 23 अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस में होंगे शामिल ..
- खबर जगदलपुर ..2 years ago
स्कूल शिक्षा विभाग में 3266 से अधिक रिक्त प्राचार्य पद पर पदोन्नति की माँग को लेकर “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा जगदलपुर में बस्तर संभागीय बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई ..
- खबर सक्ती ...2 years ago
ज्ञानकुंज पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल सकरेली (बा) में रंगोली, राखी मेकिंग एवं मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न ..
- खबर सक्ती ...2 years ago
सक्ती जिले के डभरा सीएचसी में उपलब्ध हुई दो विशेषज्ञ चिकित्सको की सेवा ..
- खबर सक्ती ...2 years ago
गुलमोहर के फूलों की दीवानगी ऐसी कि आजादी के अमृतोत्सव पर लगाए “75 गुलमोहर पौधे …
- Uncategorized2 years ago
प्रदेश में पटवारियों की हड़ताल समाप्त ..
You must be logged in to post a comment Login