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नई जमीन गाइडलाइन दरों में बेतहाशा वृद्धि गरीब-मध्यम वर्ग के सपनों पर हमला : अर्जुन राठौर ..

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने सरकार से नीति वापस लेने की मांग की, दि आंदोलन की चेतावनी ..
सक्ती, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा जारी नई जमीन गाइडलाइन दरों में भारी वृद्धि को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने गरीब, मध्यम वर्ग, किसानों और आदिवासी समुदाय के हितों के खिलाफ बताया है। पार्टी के जिला अध्यक्ष अर्जुन राठौर ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए इस निर्णय को “अमानवीय, अतार्किक और जनविरोधी” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सीधे-सीधे आम जनता के सपनों पर कुठाराघात है और जमीन के कारोबार को पूरी तरह ठप कर देगा।
अर्जुन राठौर ने कहा कि नई गाइडलाइन में शहरी क्षेत्रों की जमीन दरों में 20 से 40 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 50 से 500 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी गई है, जो अब तक की सबसे बड़ी और बेसिर-पैर की वृद्धि है। उनके अनुसार इसका सबसे बड़ा असर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा, जिनके लिए अपना घर बनाना अब लगभग असंभव हो जाएगा। किसानों के लिए भी जमीन खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया कठिन और महंगी हो जाएगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 30 लाख की जमीन पर 22 लाख की स्टाम्प ड्यूटी लगाना केवल एक सनकी और तानाशाह सरकार ही कर सकती है। इससे स्पष्ट है कि सरकार को जनता की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है।
अर्जुन राठौर ने सरकार के इरादों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति काले धन को वैध बनाने की साजिश जैसी प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कुछ मंत्री एवं नेता पिछले दो वर्षों में भ्रष्टाचार से अर्जित धन से बड़ी मात्रा में जमीनें ख़रीद चुके हैं। अब भारी वृद्धि करके इन जमीनों की सरकारी वैल्यू बढ़ाकर, उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने और प्रॉपर्टी गेन टैक्स भरकर काला धन सफेद करने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने नई दरों को तकनीकी रूप से भी अव्यवहारिक बताया। उन्होंने कहा कि मुख्य सड़क पर स्थित 500 रुपए प्रति वर्ग फुट की जमीन और उसी के पीछे 5-6 फुट की संकरी गली की जमीन का मूल्य समान करना जमीनी हकीकत को नज़रअंदाज़ करना है। यह प्रावधान व्यावहारिकता के बिल्कुल विपरीत है।
अर्जुन राठौर ने कृषि भूमि के मूल्यांकन को लेकर भी आपत्ति जताई। उनका कहना है कि नगर निगम सीमा के भीतर भी कई कृषि योग्य भूमि मौजूद हैं, जिन्हें किसान खेती के उद्देश्य से खरीदते-बेचते हैं। लेकिन नई गाइडलाइन में इन्हें भी 35 डिसमिल प्रति वर्ग फुट के हिसाब से मूल्यांकित करना किसानों के हितों पर सीधा आघात है।
उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों के लिए भी नीति को घातक बताया। बस्तर, सरगुजा सहित राज्य के बड़े हिस्से में आदिवासी स्वामित्व वाली भूमि है। राठौर ने कहा कि आदिवासी जमीन की दर सामान्य जमीन के बराबर रखना आर्थिक शोषण जैसा कदम है, जिससे आदिवासी समुदाय की जमीन सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
अर्जुन राठौर ने चेतावनी दी कि इस निर्णय से संपत्ति कर भी बढ़ेगा, जिसका सीधा बोझ आम जनता पर पड़ेगा। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि वह तुरंत इस “जनविरोधी और क्रूर” नीति को वापस ले। अन्यथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) जिला-स्तर पर व्यापक आंदोलन शुरू करेगी और गरीब, मध्यम वर्ग, किसानों व आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी।
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