ख़बर रायपुर
मुख्यमंत्री साय ने किया जगार-2024 ’हस्तशिल्प एवं हाथकरघा’ प्रदर्शनी का शुभारंभ ..

13 राज्यों के 130 हस्तशिल्पियों ने लगाए है स्टाल ,
मुख्यमंत्री ने पांच सिद्धहस्त शिल्पियों को प्रदान किया राज्य स्तरीय पुरस्कार ,
छत्तीसगढ़ हाट परिसर प्रदर्शनी का 19 मार्च तक ..

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर में आज जगार-2024 ’हस्तशिल्प एवं हाथकरघा’ प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में आयोजित किए जा रहे है इस प्रदर्शनी में देश भर के 13 राज्यों के 130 हुनरमंद हस्तशिल्पियों ने स्टॉल लगाए है। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में विभिन्न कलात्मक वस्तुओं, हथकरघा वस्त्र सहित घरेलू उपयोग की वस्तुओं की स्टॉल लगाए गए है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा भी उपस्थित थे। अतिथियों ने स्टॉलों का अवलोकन कर शिल्पियों को प्रोत्साहित भी किया।

मुख्यमंत्री साय ने जगार-2024 के शुभारंभ समारोह में राज्य के पांच सिद्धहस्त शिल्पियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार वर्ष 2021-22 से सम्मानित किया। इनमें बेलमेटल शिल्पी सुंदरलाल झारा ग्राम एकताल पोस्ट नेतनगर, विकासखण्ड पुसौर जिला रायगढ़, समीप विश्वकर्मा लौह शिल्पी ग्राम किड़ईछेपड़ा (ड़ोगरीगुड़ा) पोस्ट पलारी जिला कोण्डागांव-बस्तर, मन्धर कश्यप काष्ठ शिल्पी ग्राम भोण्ड (पाण्डूपारा) पोस्ट लामकेर जिला बस्तर, श्रीमती बृहस्पति जायसवाल गोदना शिल्पी ग्राम मुनगाडीह पोस्ट पाली जिला कोरबा और श्रीमती बाबी सोनवानी भित्तीचित्र शिल्पी ग्राम सिरकोतंगा पोस्ट लहपटरा विकासखण्ड लखनपुर जिला सरगुजा को साल, श्रीफल, प्रमाण-पत्र, स्मृति चिन्ह और 25-25 हजार रूपए का चेक प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सिद्धहस्त शिल्पियों को प्रदान किए गए राज्य स्तरीय पुरस्कार की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगार-2024 शुभारंभ समारोह में शामिल होने वाले सभी शिल्पकारों और राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जगार मेले का शिल्पकारों को इंतजार रहता है। शिल्पियों के उत्पादों को यहां बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वें रायगढ़ के ग्राम एकताल कई बार गए है, इस ग्राम के शिल्पकारों की जीविका का साधन बेलमेटल शिल्प है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बेलमेटल, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोदना शिल्प, भित्ति चित्र के हुनरमंद शिल्पकार हैं और यही इनकी आजीविका का साधन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हस्तशिल्पों का विकास हो और इनके उत्पादों को अच्छा बाजार उपलब्ध हो इसके लिए हमारी सरकार प्रयास करेगी। शिल्पकारों के उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश में स्थान चिन्हित कर बाजार की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी में शिल्पकारों को अपने उत्पादों को दिखाने का और बिक्री करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री आमजनों से आग्रह किया है कि मेलें में आकर शिल्पकारों की कला को देखे और इनके उत्पादों की खरीदी भी करें।


उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि प्राचीन समय से ही छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति गौरवशाली और समृद्धशाली रही है। छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति विश्व स्तर पर पहुंचे इसके लिए हमारी सरकार काम करेगी। संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वे वर्ष 2002 से जगार मेले में आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सुदूर क्षेत्रों में हस्तशिल्प वहां के शिल्पकारों की आजीविका का साधन है। इन शिल्पकारों के उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध कराना है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य और राज्य के बाहर के शो-रूम और एंजेसियों से यह तय किया जाए कि उत्पाद के साथ शिल्पी का नाम और कोड नंबर का भी उल्लेख हो। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में वनवासियों की आजीविका का साधन बांस शिल्प भी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश का बेलमेटल शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोदना शिल्प की पहचान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है इसे हमें और आगे बढ़ाना है। इस अवसर पर प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड यशवंत कुमार, कलेक्टर रायपुर गौरव कुमार सिंह सहित विभागीय अधिकारी और विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकार भी उपस्थित थे।
प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी –


.यह प्रदर्शनी 19 मार्च तक छत्तीसगढ़ हाट परिसर पंडरी, रायपुर में प्रतिदिन संध्या 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। यह प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प बेलमेटल शिल्प (ढोकरा), लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शिशल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छींद-कांसा शिल्प एवं हाथकरघा वस्त्रों में कोसा साड़ियां, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल एवं कॉटन बेडशीट, चादरें, ड्रेस मटेरियल, सर्टिंग एवं विभिन्न प्रकार की खादी रेडीमेड वस्त्रों आदि प्रमुख है, इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों से उत्तरप्रदेश लखनऊ की चिकनकारी, बनारसी साड़ी, ड्रेस मटेरियल, मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियां एवं बाघ प्रिंट की ड्रेस मटेरियल एवं टीकमगढ़ की पीतल की मूर्तियाँ, पश्चिम बंगाल का जूटवर्क, कांथा वर्क तथा बंगाली साड़ियां सहित, पंजाब की फुलकारी एवं पंजाबी जूतियां, राजस्थान की चर्मशिल्प की मोजरी एवं एम्ब्राईडरी के सलवार सूट, दिल्ली की ज्वेलरी, हरियाणा पानीपत के बेडशीट, महाराष्ट्र के कोल्हापुरी चप्पल, बिहार के भागलपुरी ड्रेस मटेरियल, जम्मू कश्मीर के शॉल एवं साड़ियाँ इस प्रकार कुल 13 राज्यों के विभिन्न शिल्पकलाओं एवं हाथकरघा सामग्री का विशाल संग्रह उपलब्ध रहेगा, जिसमें स्वयं शिल्पकार अपनी उन्नत शिल्पकला के हुनर का प्रदर्शन-सह-विक्रय करेंगे।
खबर सक्ती ...2 years agoबड़ी खबर: कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने किया अनिल चन्द्रा को जिलाबदर ..
खबर सक्ती ...2 years agoव्यापारी से 2250000 रूपये की लूट करने वाले 04 आरोपी गिरफ्तार 05 आरोपी फरार ..
ख़बर रायपुर2 years agoएनसीपी के प्रमुख पूर्व मंत्री नोबेल वर्मा कल 23 अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस में होंगे शामिल ..
खबर जगदलपुर ..2 years agoस्कूल शिक्षा विभाग में 3266 से अधिक रिक्त प्राचार्य पद पर पदोन्नति की माँग को लेकर “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के द्वारा जगदलपुर में बस्तर संभागीय बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई ..
खबर सक्ती ...3 years agoसक्ती जिले के डभरा सीएचसी में उपलब्ध हुई दो विशेषज्ञ चिकित्सको की सेवा ..
Uncategorized3 years agoप्रदेश में पटवारियों की हड़ताल समाप्त ..
खबर सक्ती ...2 years agoगुलमोहर के फूलों की दीवानगी ऐसी कि आजादी के अमृतोत्सव पर लगाए “75 गुलमोहर पौधे …
खबर सक्ती ...2 years agoज्ञानकुंज पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल सकरेली (बा) में रंगोली, राखी मेकिंग एवं मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न ..


























You must be logged in to post a comment Login