खबर कोरबा
बाल अपराधियों की ‘चौकीदारी’ भी करेंगे बाल संरक्षण अधिकारी व कर्मचारी, ‘अवकाश’ के दिन रेगुलर ड्यूटी, DPO का आदेश जारी ..

कोरबा, बाल संप्रेषण गृह से अपचारी बालकों के भागने की लगातार बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अब यहां विभागीय कर्मचारी भी ड्यूटी करेंगे। जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों–कर्मचारियों की ड्यूटी बाल संप्रेक्षण गृह में लगा दी गई है। इस आदेश को लेकर कर्मचारियों के बीच चर्चा है कि अब उन्हें बाबूगिरी के साथ चौकीदारी भी करनी पड़ेगी ?
कोरबा जिला महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रमुख दयादास महंत के अलावा रवि सिंह, संदीप बिसेन और राजीव राज के अधीन ड्यूटी बाल संप्रेक्षण गृह में लगाई गई है। जिला बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड के लिए भर्ती किए गए इन अधिकारियों की देखरेख में विभागीय कुल 8 कर्मचारी साप्ताहिक अवकाश दिवस शनिवार और रविवार को रोस्टर अनुसार संप्रेक्षण गृह में रात 8 से सुबह 5 बजे तक रहेंगे और बालकों की देखरेख, निगरानी और व्यवस्थापन करेंगे। अवकाश के दिनों में रात्रिकालीन अर्थात रात्रि जागरण कर बच्चों की निगरानी करेंगे।
विभाग की होती रही है किरकिरी –
जिले का बाल संप्रेक्षण गृह अब तक अलग–अलग भवनों में संचालित हो चुका है और कमजोर सुरक्षा व्यवस्था के चलते यहां से कई बाल अपराधी भाग चुके हैं, जिसके कारण नोडल एजेंसी महिला एवं बाल विकास विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी है। बाल संप्रेक्षण गृह के स्टाफ भी काफी लापरवाह हैं, जिसके चलते यहां अव्यवस्था का आलम है।
सुरक्षा व्यवस्था काफी लचर –
बाल संप्रेषण गृह में हत्या, बलात्कार, लूटपाट, चोरी और अन्य वारदातों से जुड़े बाल और किशोर अपराधियों को रखा जाता है, वहां एक पाली के लिए केवल एक गार्ड की ड्यूटी लगाई जा रही है। होम गार्ड के तीन जवानों को तैनात किया गया है जो अलग–अलग तीन पालियों में ड्यूटी देते हैं। गार्ड भी इतने लापरवाह रहे कि उनके सोते समय ही कुछ बच्चे भाग चुके हैं। कर्मचारी बताते हैं कि कायदे से बालकों के संप्रेक्षण गृह में हाउस फादर के पद पर पुरुष की तैनाती होनी चाहिए, मगर यहां महिला की ड्यूटी लगाई गई है।
पिछले दिनों इस महिला हाउस फादर को यहां से हटा दिया गया क्योंकि उसके मोबाइल से एक बाल अपराधी ने डॉन की तरह रिएक्शन देते हुए वीडियो इंस्टाग्राम में अपलोड कर दिया था और उसे लेकर काफी बवाल भी मचा।
प्रदेश में अपनी तरह का पहला आदेश व प्रयोग कितनां कारगर –
जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों और कर्मचारियों की बाल संप्रेक्षण गृह में ड्यूटी लगाने की व्यवस्था प्रदेश में पहली बार कोरबा में की गई है। जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन स्टाफ का बाल संप्रेक्षण गृह से कोई संबंध नहीं होता, बावजूद इसके छुट्टी के दिन इनकी ड्यूटी लगाने का जो प्रयोग किया गया है, देखना है कि इसका किस तरह से प्रभावी असर बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा पर पड़ेगा?
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