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विश्व क्षय रोग दिवस 2025: टीबी उन्मूलन की दिशा में एक कदम आगे ..

टीबी के कारण, लक्षण और उपचार: जागरूकता ही बचाव है ,
सक्ती जिले में टीबी की स्थिति और उन्मूलन की चुनौतियाँ ..
सक्ती, हर साल, विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च को मनाया जाता है, यह दिन डॉ. रॉबर्ट कोच द्वारा 1882 में क्षय रोग (टीबी) के लिए जिम्मेदार जीवाणु की खोज की महत्वपूर्ण घोषणा को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। यह खोज चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिससे इस विनाशकारी बीमारी के लिए निदान विधियों और उपचारों का विकास हुआ। भारत सरकार द्वारा क्षय उन्मूलन को 2030 तक समूचे भारत से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ल्ड टीबी डे 2025 की थीम है- “हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं. इसके लिए लगातार प्रतिबद्ध होकर कार्य करना होगा, जिनके कारण परिणाम अच्छे आएंगे (Yes! We Can End TB: Commit, Invest, Deliver.)”
विश्व क्षय रोग दिवस का महत्व –

विश्व क्षय रोग दिवस दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक कल्याण पर क्षय रोग के प्रभाव के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। यह व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों को क्षय रोग के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने और सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ के रूप में इस बीमारी को खत्म करने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान भी करता है।
विश्व क्षय रोग दिवस 2025 का उद्देश्य जागरूकता स्थापना करना –

हमारा प्राथमिक लक्ष्य टीबी महामारी के बारे में जनता की समझ और जागरूकता बढ़ाना है, तथा निवारक उपायों, शीघ्र निदान और प्रभावी उपचार की आवश्यकता पर बल देना है।
तपेदिक को समाप्त करने के लिए नए टीकों, नैदानिक उपकरणों और उपचारों के विकास के लिए निरंतर नवाचार और अनुसंधान महत्वपूर्ण हैं। विश्व तपेदिक दिवस 2024 टीबी अनुसंधान के लिए वित्त पोषण और समर्थन की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देता है।
साझेदारी को मजबूत करना –
तपेदिक के खिलाफ़ लड़ाई के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। हम तपेदिक से निपटने में संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करने के लिए सरकारों, स्वास्थ्य संगठनों, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करते हैं।
विश्व क्षय रोग दिवस और सतत विकास का लक्ष्य स्वयं को और दूसरों को शिक्षित करने का है।
तपेदिक के बारे में जानें और अपना ज्ञान दूसरों के साथ साझा करें। जागरूकता बदलाव की दिशा में पहला कदम है।
तपेदिक अनुसंधान के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने तथा बेहतर देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सोशल मीडिया तथा अपने समुदाय में अपनी आवाज उठाने की आवश्यकता है
टीबी अनुसंधान और उपचार में अग्रणी संगठनों को दान देने पर विचार करें। आपका सहयोग टीबी से प्रभावित लोगों के जीवन में बदलाव ला सकता है।
हम सब मिलकर तपेदिक को ख़त्म कर सकते है। 2025 का थीम इस समझ को दर्शाता है कि टीबी को खत्म करने के लिए पहले से किए गए कामों से कहीं ज़्यादा रणनीतिक सहयोग के साथ एकजुट, ठोस वैश्विक प्रयास की ज़रूरत है। मनाया जाता है।
कैसे होता है टीबी (Causes of Tuberculosis) तपेदिक या टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है. तपेदिक पैदा करने वाले कीटाणु एक प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं. जब कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या बातचीत करता है, तो तपेदिक फैल सकता है. इससे कीटाणुओं के साथ छोटी बूंदें हवा में फैल सकती हैं.
टीबी संक्रमण (Tuberculosis) हार्वर्ड हेल्थ के अध्ययन बताते हैं कि टीबी संक्रमण अव्यक्त यानी अप्रत्यक्ष भी हो सकता है. यह जीवन भर बना रह सकता है. सक्रिय टीबी रोग उचित उपचार से ठीक हो सकता है. अव्यक्त टीबी संक्रमण (latent TB) वाले अधिकांश लोगों के लिए सक्रिय रोग विकसित होने का जोखिम अपेक्षाकृत कम है. दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी में अव्यक्त टीबी है. इसका अर्थ है कि वे टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित हो चुके हैं. लेकिन उनमें लक्षण नहीं हैं. वे बीमारी भी नहीं फैला सकते हैं. अव्यक्त टीबी वाले लोगों में सक्रिय टीबी विकसित होने का आजीवन जोखिम होता है, जो लगभग 5-10% होने का अनुमान है. सक्रिय टीबी रोग: सक्रिय टीबी रोग टीबी बैक्टीरिया के कारण होता है, जो खांसी, बुखार और वजन कम होने जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। उपचार की बात करें तो मरीज 6 माह की दवा उपरांत रोग मुक्त हो सकते है अगर दवा खाना न छोड़े तो। –
भारत में टीबी के आंकड़े (TB Data in India) वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, भारत में टीबी का बोझ बहुत ज़्यादा है. यहां इसके मामले और मौतें बहुत ज़्यादा हैं. अब टीबी से संक्रमित होने और मृत्यु दर में कमी के साथ स्थिति में सुधार हो रहा है. 2023 में भारत में वैश्विक टीबी से होने वाली मौतों का 26% हिस्सा था. प्रति 100,000 जनसंख्या पर नए मामले देखें, तो अब कमी आ रही है. यह 2010 में 275.7 से घटकर 2023 में 194.9 हो गई है. टीबी के कारण होने वाली मौतों में भी लगातार कमी आ रही है। यह 2010 में 5.8 लाख से घटकर 2023 में 3.2 लाख हो गई है. World TB Day 2025 : आज से पचास साल पहले तक तपेदिक या टीबी (Tuberculosis -TB) को जानलेवा माना जाता था. अब तो यह पूरी तरह ठीक होने वाला रोग है. हालांकि आज भी तपेदिक या टीबी एक गंभीर बीमारी है, क्योंकि अकसर लोग जानकारी के अभाव में टीबी का सही तरीके से इलाज नहीं कराते हैं. इसके कारण इस रोग के दोबारा होने की संभावना बनी रहती है. टीबी के उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष वर्ल्ड टीबी डे (World TB Day 2025) मनाया जाता है।

जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, द्वारा समय समय पर जाँच उपचार अभियान चलाकर टीबी उन्मूलन की दिशा मे कार्य कर रहें है।
सक्ती जिले की बात करें तो वर्ष 2024 मे 722 मरीज मिले थे, जिसमें 515 मरीज ठीक हुए एवं 19 लोगों की मृत्यु हुई, 146 मरीज उपचार मे है, बचे मरीज अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं होने के कारण दवा खाना छोड़ दिए। सक्ती जिले मे टीबी मुक्त पंचायत की बात करें तो 2023 मे 5 पंचायत टीबी मुक्त हुये थे, वहीं 2024 मे 2 ही पंचायत मुक्त हुये, हम सभी को मिलकर और प्रयास करना होगा जिसके लिए जन प्रतिनिधि, सामाजिक सरोकार वाले ब्यक्तियों को सामने आना होगा तभी हम इस लड़ाई को जीत सकते है और जिला सक्ती को टीबी मुक्त कर सकते है।
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